mahavidya baglamukhi for Dummies
mahavidya baglamukhi for Dummies
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पालयन्ती मनुपदं प्रसमीक्ष्या वनीतले । पीताचार रतां भक्तां तां भवानीं भजाम्यहम् ।।
वदामस्ते मातः श्रुति मुखकरं नामललितं लसन् मात्रावर्णं जगति बगळेति प्रचरितं । चलंतः तिष्ठंतो वयं उपविशंतोऽपि शयने भजामोयत् श्रेयो दिवि दुरवलभ्यं दिविषदाम् ।।
Nobody is proof against challenges in life as problematic circumstances really are a manifestation of our earlier daily life unfavorable karmas. People today someway take care of to experience the vast majority of worries or troubling cases inside their lives which are fuelled by small or workable unfavorable karmas.
नमामस्ते मातः कनक कमनीयांघ्रि जलजं वलद् विद्युद् वर्णां घनतिमिर विध्वंस करणं । भवाध्भौ मग्नानां तरणकरणं सर्वशरणं प्रपन्नानां मातर् जगति बगळे दुःख दमनम् ।।
Negative karma from the past can manifest into massive difficulties in life in many ways with few of these currently being:
Maa Bagalamukhi Yantra is actually a holy unit consisting of a image or possibly a determine of geometric shapes that generates the power of Maa Baglamukhi. Donning this Baglamukhi Yantra safeguards the person from evil Strength and qualified prospects them to live a contented, tranquil, and prosperous everyday living.
तव ध्याननिष्ठा प्रतिष्ठात्म प्रज्ञा वतां पादपद्मार्चने प्रेमयुक्ताः । प्रसन्नानृपाः प्राकृताः पंडितावा पुराणादि गाथा सुतुल्याभवंति ।।
भजेत् पीत भास्वत् प्रभा हस्कराभां गदाशिंजित अमित्रगर्वां गरिष्ठाम् । गरीयोगुणागार गात्रां गुणाढ्यां गणेशादि गम्यां श्रये निर्गुणाढ्याम् ।।
तव चरण सरोजं सर्वदा सेव्यमानं द्रुहिण हरि हराद्यैः देवबृंदैः शरण्यं । मृदुमपि शरणं ते शर्मदं सूरिसेव्यं वयमिह करवामो मातरेतद् विधेयम् ।।
ऊँ ह्लीं बगलामुखीं ! जगद्वशंकरी! मां more info बगले! पीताम्बरे! प्रसीद प्रसीद मम सर्व मनोरथान् पूरय पूरय ह्लीं ऊँ
सुपीताभयामालाया पूतमन्त्रं पठंते जपंतो जयं संलभंते । रणे राग रोषा प्लुतानां रिपूणां विवादे बलाद् वैरकृद्धाम मातः ।।
अर्थात इस मन्त्र को सिद्ध करने के बाद मात्र इसके स्मरण से ही प्रचंड पवन भी स्थिर हो जाती है। इस मन्त्र की भारत के श्रेष्ठ और अद्वितीय तांत्रिकों ने भी एक स्वर से सराहना की है। आज के युग में जब पग-पग पर शत्रु हावी होने की चेष्टा करते हैं और हर प्रकार से चारों तरफ़ शत्रु नीचा दिखाने का प्रयत्न करते हैं तब उन्नति चाहने वाले व्यक्ति के लिए यह साधना या यह यन्त्र धारण करना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य समझना चाहिए। जो व्यक्ति अपने जीवन में बिना किसी बाधाओं के प्रगति चाहता है, प्रगति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचना चाहता है, उसके लिए बगलामुखी महाविद्या साधना या बगलामुखी यन्त्र धारण करना आवश्यक है।
ॐ ह्लीं क्लीं ऐं बगलमुख्यै गदाधरिन्यै प्रेतासनाध्यसिन्यै स्वाहा
हृदय वचनाकायैः कुर्वतां भक्तिपुंजं प्रकटित करुणार्द्रां प्रीणती जल्पतीति । धनमध बहुधान्यं पुत्र पौत्रादि वृद्धिं सकलमपि किमेभ्यो देयमेवं त्ववश्यम् ।।